राजस्थान में अब तक चार ओधोगिक नीतिया लागु कि जा चुकी है।चारो नीतिया मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत के के काल में घोषित कि गई।
1951 में राजस्थान में कुल 11 वृहत उधोग थे जिनमे से 7 सूती वस्त्र मील ,2 सीमेंट उधोग ,2 चीनी उद्योग थे
राजस्थान कि ओधोगिक नगरी -कोटा
सर्वाधिक उधोग नगर -जयपुर
सबसे छोटा ओधोगिक नगर -करौली
सबसे कम उधोग वाला जिला -जैसलमेर
उधोग शून्य जिले -जालोर ,सिरोही ,चुरू
राजस्थान का मेनचेस्टर -भीलवाड़ा
नवीन मेनचेस्टर -भिवाड़ी अलवर
भारत कि प्रथम सफल सूती वस्त्र मील 1854 में कवास जी डाबर के द्वारा मुम्बई में स्थापित कि गई
राजस्थान कि प्रथम सूती वस्त्र मील 1889 में दी कृष्णा मील्स के नाम से ब्यावर में स्थापित कि गई सस्थापक -दामोदर दास राठी थे। जन्हे सस्त्र क्रांति के भामाशाह कहा जाता है।
एडवर्स मील तथा महालक्ष्मी मील ब्यावर में स्थापित कि गई।
1942 में पाली में महाराजा उम्मेदसिंह मील स्थापित कि गई। यह राजस्थान कि सबसे अधिक सूती वस्त्र उत्पादन करने वाली मील है।
सर्वाधिक कार्यशील हथकरघे दी कृष्णा मील में है।
सार्वजनिक क्षेत्र कि मीले - 1. एडवर्ड सूती वस्त्र मील -ब्यावर
2.महालक्ष्मी सूती वस्त्र मील -ब्यावर
3. विजय नगर सूती वस्त्र मील -विजय नगर अजमेर
सहकारी कि क्षेत्र कि मीले - 1. गंगापुर सहकारी सूती वस्त्र मील -गंगापुर
2. गुलाबपुरा सहकारी मील -गुलाबपुरा भीलवाड़ा
3. श्री गंगानगर सूती वस्त्र मील -हनुमानगढ़
सहकारी क्षेत्र कि उपयुक्त मील के साथ गंगापुर जिनिंग मील को सयुंक्त करके 1 अप्रेल 1993 को स्पिनफैड कि स्थापना कि गई। उपयुक्त सहकारी क्षेत्र के अलावा अन्य सभी मील निजी क्षेत्र में कार्यरत है।
1951 में राजस्थान में कुल 11 वृहत उधोग थे जिनमे से 7 सूती वस्त्र मील ,2 सीमेंट उधोग ,2 चीनी उद्योग थे
राजस्थान कि ओधोगिक नगरी -कोटा
सर्वाधिक उधोग नगर -जयपुर
सबसे छोटा ओधोगिक नगर -करौली
सबसे कम उधोग वाला जिला -जैसलमेर
उधोग शून्य जिले -जालोर ,सिरोही ,चुरू
राजस्थान का मेनचेस्टर -भीलवाड़ा
नवीन मेनचेस्टर -भिवाड़ी अलवर
सूती वस्त्र उधोग
भारत में प्रथम सूती मील 1818 में घुसरी कलकता में स्थापित कि गई। यह असफल रही।भारत कि प्रथम सफल सूती वस्त्र मील 1854 में कवास जी डाबर के द्वारा मुम्बई में स्थापित कि गई
राजस्थान कि प्रथम सूती वस्त्र मील 1889 में दी कृष्णा मील्स के नाम से ब्यावर में स्थापित कि गई सस्थापक -दामोदर दास राठी थे। जन्हे सस्त्र क्रांति के भामाशाह कहा जाता है।
एडवर्स मील तथा महालक्ष्मी मील ब्यावर में स्थापित कि गई।
1942 में पाली में महाराजा उम्मेदसिंह मील स्थापित कि गई। यह राजस्थान कि सबसे अधिक सूती वस्त्र उत्पादन करने वाली मील है।
सर्वाधिक कार्यशील हथकरघे दी कृष्णा मील में है।
सार्वजनिक क्षेत्र कि मीले - 1. एडवर्ड सूती वस्त्र मील -ब्यावर
2.महालक्ष्मी सूती वस्त्र मील -ब्यावर
3. विजय नगर सूती वस्त्र मील -विजय नगर अजमेर
सहकारी कि क्षेत्र कि मीले - 1. गंगापुर सहकारी सूती वस्त्र मील -गंगापुर
2. गुलाबपुरा सहकारी मील -गुलाबपुरा भीलवाड़ा
3. श्री गंगानगर सूती वस्त्र मील -हनुमानगढ़
सहकारी क्षेत्र कि उपयुक्त मील के साथ गंगापुर जिनिंग मील को सयुंक्त करके 1 अप्रेल 1993 को स्पिनफैड कि स्थापना कि गई। उपयुक्त सहकारी क्षेत्र के अलावा अन्य सभी मील निजी क्षेत्र में कार्यरत है।
सीमेंट उधोग
राजस्थान का भारत में सीमेंट उत्पादन में प्रथम स्थान है।
प्रथम सीमेंट फेक्ट्री -लाखेरी बूंदी में स्थापित कि गई
सर्वाधिक सीमेंट उत्पादन का पुरस्कार -पीकॉक गोल्डन -श्री सीमेंट को 2005 ,2008 में दो बार मिल चूका है
सबसे कम सीमेंट उत्पादन -श्री राम सीमेंट रामनगर कोटा
राजस्थान में सफेद सीमेंट के तीन कारखाने है -1. गोटन नागौर -यह राजस्थान का सफेद सीमेंट का प्रथम कारखाना है
2. खरियांखंगार -जोधपुर -सबसे बड़ा कारखाना
3. मांगरोल - चितोडगढ़
सर्वाधिक सीमेंट उत्पादन जिला -चितोडगढ़
भविष्य में सर्वाधिक सीमेंट उत्पादन कि सम्भावना जैसलमेर में है।
चीनी उधोग
राजस्थान में कुल तीन चीनी उधोग जो सारवजनिक ,सहकारी तथा नीजि क्षेत्र में स्थापित है।
1. दी मेवाड़ शुगर मील -भोपालसागर चितोडगढ़ -इसकी स्थापना 1932 में निजी क्षेत्र में कि गई। यह राजस्थान का चीनी उधोग का प्रथम कारखाना है।
2. गंगानगर शुगर मील -गंगानगर -इसकी स्थापना 1937 में निजी क्षेत्र में कि गई परन्तु 1956 में इसे सारवजनिक क्षेत्र में ले लिया गया। चुकन्दर से चीनी बनाने का कार्य 1968 से शुरू हुआ।
यहा शराब भी निर्मित कि जाती है। जिसके लिए बोतलों का निर्माण दी हाईटेक प्रिसिजन ग्लास वर्क्स धोलपुर में किया जाता है। यह शुगर मील कमीनपुरा करनपुर में स्थांतरित किया जाना प्रस्तावित है।
3. केशवरायपाटन चीनी मील -बूंदी स्थापना 1965 में सहकारी क्षेत्र में की गई स्व्तंत्रता प्राप्ति के बाद स्थापित होने वाली राज्य कि एकमात्र शुगर मील है।
राजस्थान कि अकेली सांभर झील भारत के कुल नमक उत्पादन का 8.7 %उत्पादन करती है।
सांभर साल्ट लिमिटेड -स्थापना 1960 में राज्य सरकार के अधीन कि गई। 1964 में इसे हिदुस्तान साल्ट लिमिटेड कि सहायक कम्पनी बना दिया। इस तरह यह केंद्र सर्कार का उपक्रम बन गया
वर्त्तमान में राजस्थान में राज्य सरकार के नमक उत्पादन के कारखाने डीडवाना ,पंचपद्रा में कार्यरत है। अन्य सभी नमक उत्पादन के कारखाने निजी क्षेत्र में है।
3. केशवरायपाटन चीनी मील -बूंदी स्थापना 1965 में सहकारी क्षेत्र में की गई स्व्तंत्रता प्राप्ति के बाद स्थापित होने वाली राज्य कि एकमात्र शुगर मील है।
नमक उधोग
राजस्थान का भारत में चतुर्थ स्थान है। जबकि झीलो से नमक उत्पादन में प्रथम स्थान है।राजस्थान कि अकेली सांभर झील भारत के कुल नमक उत्पादन का 8.7 %उत्पादन करती है।
सांभर साल्ट लिमिटेड -स्थापना 1960 में राज्य सरकार के अधीन कि गई। 1964 में इसे हिदुस्तान साल्ट लिमिटेड कि सहायक कम्पनी बना दिया। इस तरह यह केंद्र सर्कार का उपक्रम बन गया
वर्त्तमान में राजस्थान में राज्य सरकार के नमक उत्पादन के कारखाने डीडवाना ,पंचपद्रा में कार्यरत है। अन्य सभी नमक उत्पादन के कारखाने निजी क्षेत्र में है।
काँच उधोग
काँच में मुख्यतय सिलिका का उपयोग किया जाता है।
1. दी हाईटेक प्रिसिजन ग्लास वर्क्स -धौलपुर -यह गंगानगर शुगर मील के लिया शराब कि बोतलों का निर्माण करती है।
2. धोलपुर ग्लास वर्क्स -धोलपुर
3. सेमकोर ग्लास फैक्ट्री -कोटा -सैमसंग टेलीविज़न कि पिक्चर ट्यूब का निर्माण करती है।
4. सेन्टगोबीन ग्लास वर्क्स -भिवाड़ी अलवर -यह 2008 में फ्रांस कि कंपनी सेन्टगोबीन द्वारा स्थापित किया गया
4. सेन्टगोबीन ग्लास वर्क्स -भिवाड़ी अलवर -यह 2008 में फ्रांस कि कंपनी सेन्टगोबीन द्वारा स्थापित किया गया