टोंक शहर राजस्थान के टोंक जिले में बनास नदी के किनारे स्थित है। कभी विरासत के राज्य रहे इस शहर पर भारत की स्वतंत्रता के पहले कई राजवंशों ने शासन किया। यह जयपुर शहर से 95 किमी. की दूरी पर स्थित है।इस क्षेत्र में मौजूद कई ऐतिहासिक स्मारकों के कारण टोंक बीते युग के एक किस्से का वर्णन करता है। इस शहर में और इसके आसपास पर्यटन के अनेक आकर्षण है। सुनहरी कोठी या सोने(स्वर्ण) की हवेली इस क्षेत्र का सबसे प्रमुख आकर्षण है।नवाब मोहम्मद इब्राहिम खान द्वारा संगीत, नृत्य और कविताओं की प्रस्तुति के लिए बनाई गई यह इमारत में कुछ शानदार ग्लास पेंटिंग भी हैं। यह नज़र बाग रोड़ पर बड़ा कुआँ में स्थित है और इसे शीश महल भी कहा जाता है। इस इमारत की दीवारों पर सोने की पॉलिश की गई है और यहाँ के कक्ष में कांच से जड़ा हुआ एक सुंदर चित्र है।
सुनहरी कोठी के अलावा यहाँ अनेक ऐतिहासिक स्मारक हैं जो इस शहर का समृद्ध इतिहास बताते हैं।रसिया की टेकरी एक ऐसा ही पर्यटन आकर्षण है जिसके नाम के पीछे एक रोचक कहानी है। स्थानीय लोगों के अनुसार इस स्थान का नाम एक कायस्थ प्रेमी के नाम पर पड़ा जो अपना अधिकांश समय प्रेमगीत गाते हुए बिताता था। इस क्षेत्र के अन्य ऐतिहासिक स्मारक घंटा घर और जामा मस्जिद है। टोंक की जामा मस्जिद भारत की बड़ी मस्जिदों में से एक है और इस मुस्लिम धार्मिक स्थल की यात्रा करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त यहाँ आते हैं।
मैसूर गार्डन और हीरन मगरी पार्क के आधार पर बनाया गया शिवाजी गार्डन पर्यटन का एक अन्य आकर्षण है। कलाकारों की असाधारण रचनात्मकता के गवाह बनने के लिए पर्यटक हाथी भाता की सैर भी कर सकते हैं जहाँ कलाकारों ने एक पत्थर को तराशकर हाथी का आकार बनाया है। ये दोनों स्थान शहर के पास क्रमश: 30 किमी. और 22 किमी. की दूरी पर स्थित हैं।