राजसमन्द, नाथद्वार से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह शहर राजसमन्द झील के किनारे स्थित है। यह सुन्दर मार्बल और हथकरघा उत्पाद के लिए जाना जाता है। कांकरोली डैम, कुम्भलगढ़ किला और हल्दीघाटी इस जगह के कुछ मशहूर पर्यटन स्थल हैं।नाथद्वार जिसे "मेवाड़ का अपोलो" भी कहा जाता है, राजस्थान के उदयपुर में बनास नदी के किनारे स्थित है।यह टाउन अपने पिछवाई पेंटिंग और रंगीन टेराकोटा उत्पाद के लिए मशहूर है। इस क्षेत्र का चित्रकला उद्योग करीबन 2000 साल पुराना है। सभी आर्ट फॉर्म में "मीना वर्क" इस क्षेत्र का सबसे मशहूर आकर्षण है। यहाँ पर आने वाले पर्यटक यहाँ से एथनिक दस्तकारी ले जा सकते हैं।
प्राचीन काल के मंदिर
कला का जन्नत होने के साथ साथ, नाथद्वार को धार्मिक जगह भी माना जाता है जो हिन्दू धर्म के भगवान कृष्ण और विष्णु और उनके कई अवतारों को समर्पित है। नाथद्वार जा रहे पर्यटकों को यहाँ केद्वारकाधीश मंदिर जाने की सलाह दी जाती है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर भगवान की लाल पत्थर से बनी मूर्ती के लिए मशहूर है। श्रीनाथजी मंदिर भी यहाँ का मशहूर धार्मिक स्थल है। इस स्थल पर भगवान की प्रतिमा को केवल एक मार्बल के टुकड़े को तराश कर बनाया गया है।
एकलिंगजी मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है, इस क्षेत्र का सबसे ज्यादा जाया जाने वाला धार्मिक स्थल है। इस मंदिर की प्राचीन मूर्ती 15वीं शताब्दी में बनायी गयी थी। सोमवार को यहाँ कई श्रद्धालू आते हैं क्योंकि भगवान के लिए विशेष पूजा का आयोजन होता है। इस क्षेत्र के कुछ और पर्यटन स्थल हैं:राजसमन्द, साहित्य मंडल पुस्तकालय और सांवरिया सेठ।
नाथद्वार का मुख्य पर्यटन स्थल, द्वारकाधीश मंदिर, कांकरोली गाँव में स्थित है। यह मंदिर वैष्णव और वल्लभाचार्य सम्प्रदाय का है। यह धार्मिक स्थल हिन्दुओं के भगवान कृष्ण को समर्पित है और ऐसा माना जाता है कि भगवान की लाल पत्थर वाली मूर्ती को मथुरा से लाया गया था।
पक्षियों में रूचि रखने वाले लोग मंदिर के पास ही स्थित नवचौकी डैम जिसे कांकरोली डैम भी कहा जाता है, यहाँ जाकर पक्षियों का अवलोकन कर आनंद उठा सकते हैं।
श्रीनाथजी मंदिर एक प्राचीन धार्मिक स्थल है जो 12वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह मंदिर हिन्दुओं के भगवान कृष्ण को समर्पित है। भगवान की मूर्ती काले मार्बल से काट कर बनायी गयी थी। रोचक बात यह है कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के बाद श्रीनाथजी मंदिर को दूसरा सबसे धनी भारतीय मंदिर माना जाता है। पर्यटकों में अगर कोई श्रद्धालु है तो वह इस मंदिर को देखने ज़रूर आता है।
चारभुजा, नाथद्वार का एक छोटा क़स्बा है जो पहले 'गढ़बोर' के नाम से जाना जाता था। यह चारभुजाजी मंदिर के लिए मशहूर है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और अपने उत्कृष्ट वास्तुकला सम्बन्धी बनावट के लिए जाना जाता है। यह जगह बोर राजपूत के किले(गढ़बोर) के लिए भी मशहूर है।
नाथद्वार का मुख्य पर्यटन स्थल, द्वारकाधीश मंदिर, कांकरोली गाँव में स्थित है। यह मंदिर वैष्णव और वल्लभाचार्य सम्प्रदाय का है। यह धार्मिक स्थल हिन्दुओं के भगवान कृष्ण को समर्पित है और ऐसा माना जाता है कि भगवान की लाल पत्थर वाली मूर्ती को मथुरा से लाया गया था।
पक्षियों में रूचि रखने वाले लोग मंदिर के पास ही स्थित नवचौकी डैम जिसे कांकरोली डैम भी कहा जाता है, यहाँ जाकर पक्षियों का अवलोकन कर आनंद उठा सकते हैं।